भोपाल : गुरूवार, अक्टूबर 9, 2014, भारत का शीर्ष उद्योग जगत मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की आत्मीयता, डायनॉमिक नेतृ...
भोपाल : गुरूवार, अक्टूबर 9, 2014, भारत का शीर्ष उद्योग जगत मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की आत्मीयता, डायनॉमिक नेतृत्व, औद्योगिक नीतियों और प्रदेश द्वारा निवेशकों को उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं से अभिभूत है।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के उदघाटन सत्र के तत्काल बाद देश के विभिन्न उद्योग समूह के प्रमुखों ने न केवल मध्यप्रदेश में निवेश की इच्छा व्यक्त की वरन् कहा कि मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास में भी देश का अग्रणी राज्य बनेगा। भारत के शीर्ष उद्योगपति श्री मुकेश अंबानी ने अपने संबोधन में रिलायंस समूह द्वारा आगामी डेढ़ वर्ष में 20 हजार करोड़ रूपये का निवेश करने और उनके छोटे भाई श्री अनिल अंबानी ने रिलायंस ए.डी.ए. समूह के मध्यप्रदेश में वर्तमान 30 हजार करोड़ के निवेश को बढ़ाकर 60 हजार करोड़ करने का वायदा किया। गोदरेज समूह के चेयरमेन श्री आदि गोदरेज का कहना था कि मध्यप्रदेश में उद्योग जगत का हर कार्य सरलता तथा सुगमता से होता है। उनका इस प्रदेश से 27 वर्ष से अधिक का औद्योगिक संबंध है। वर्तमान सरकार जिस तरह प्रदेश में उद्योगों को सहूलियत दे रही है उसका पूरे प्रदेश को लाभ मिलेगा।
रिलायंस ए.डी.ए. समूह के चेयरमेन श्री अनिल अंबानी लगातार चौथी बार मध्यप्रदेश की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पहुँचे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व, यहाँ की पारदर्शी प्रशासनिक व्यवस्था तथा सहयोगी औद्योगिक नीतियों का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि उनका समूह कोल, पावर, सीमेंट तथा टेलीकॉम में सन 2020 तक 30 हजार करोड़ रूपये का और निवेश करेगा। अभी प्रदेश में उनके समूह द्वारा इन क्षेत्र में लगभग 30 हजार करोड़ का निवेश है। आगामी वर्षों में यह निवेश बढ़कर दोगुना हो जायेगा। लार्सन ट्रूब्रो (एल.एन.टी.) समूह के चेयरमेन श्री ए.एम. नायर ने मध्यप्रदेश में कौशल विकास केन्द्र सहित रक्षा उत्पाद में निवेश की मंशा व्यक्त की। टाटा समूह के चेयरमेन श्री सायरस मिस्त्री ने कहा कि टाटा कंसलटेंसी सर्विस इंदौर में 10 हजार युवा को रोजगार देगी। उन्होंने देवास में स्थापित टाटा इंटरनेशनल के विस्तार सहित विदिशा में फूड पेकेजिंग, देवास में स्किल ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने, जबलपुर तथा उज्जैन में प्रस्तावित बीआरटीएस में सहयोग देने की बात की। उन्होंने भोपाल में ड्रायवर मेकेनिक ट्रेनिंग सेंटर स्थापित करने की भी मंशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि टाटा समूह मध्यप्रदेश में निवेश के लिये संकल्पित है।
प्रसिद्ध उद्योगपति श्री गौतम अडानी ने कहा कि उनका समूह आगामी पाँच वर्ष में प्रदेश में 20 हजार करोड़ का निवेश करेगा। श्री अडानी ने पिछले आठ-दस वर्ष में प्रदेश में हुये चहुँमुखी विकास की सराहना की। रिलायंस समूह के चेयरमेन श्री मुकेश अंबानी ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का डिजिटल केपिटल बनेगा। उनका समूह 2015 तक इस प्रदेश में डिजिटल इंटरनेट, ऊर्जा, रिटेल आदि व्यवसायों में 20 हजार करोड़ का निवेश करेगा। उन्होंने प्रदेश में आर्गेनिक फार्मिंग में भी रूचि व्यक्त की। एस्सार समूह के चेयरमेन श्री शशि रूइया ने ऊर्जा, स्टील, बीपीओ तथा कोलबेंड में 4000 करोड़ रूपये का निवेश करने की जानकारी दी।
वेलस्पन समूह की सुश्री सिंदूर मित्तल ने कहा कि मध्यप्रदेश में जिस गति तथा तत्परता से उद्योगों को सुविधाएँ मिल रही हैं, वे उदाहरण हैं। उन्होंने बताया कि नवकरणीय ऊर्जा में समूह आगामी दिनों में 5000 करोड़ का निवेश करेगा।
आस्ट्रेलिया से आये जे.एन.एस. समूह के श्री जान स्टोन ने कहा कि नया इतिहास लिखने के लिये उनका समूह भारत और मध्यप्रदेश के साथ है। उन्होंने निवेश का माहौल तैयार करने के लिये प्रदेश सरकार की सराहना की।
फ्यूचर समूह के चेयरमेन श्री किशोर बियानी ने मध्यप्रदेश में फूड पार्क स्थापित कर 10,000 युवाओं को रोजगार देने का वायदा किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का गेहूँ पास्ता बनाने के लिये सर्वाधिक उपयुक्त है।
सीआईआई के चेयरमेन तथा डीसीएम समूह के प्रमुख श्री अजय श्रीराम, सिम्बोइसिस की प्रबंध संचालक डॉ. स्वाति मजूमदार, आईटीसी के श्री वाय.सी. देवेश्वर ने भी अपने संबोधन में मध्यप्रदेश की औद्योगिक नीतियों की सराहना की।
छत्तीसगढ़ की दूसरी पंचवर्षीय उद्योग नीति को मिली शानदार सफलता : निर्यात 1,675 करोड़ रूपए से बढ़कर 7,701 करोड़ तक पहुंचा
रायपुर, 09 अक्टूबर 2014 नये छत्तीसगढ़ राज्य के योजनाबद्ध औद्योगिक विकास के लिए वर्तमान में जारी प्रदेश सरकार की पंचवर्षीय उद्योग नीति (वर्ष 2009-2014) को शानदार सफलता मिली है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में इस उद्योग नीति के सफल क्रियान्वयन नीति के फलस्वरूप राज्य की औद्योगिक विकास दर 6.07 प्रतिशत तक पहुंच गयी है। यह प्रदेश सरकार की दूसरी उद्योग नीति है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब तीसरी उद्योग नीति की तैयारी के लिए विचार-मंथन शुरू हो गया है और इसके प्रारूप को अंतिम रूप दिया जा रहा है। प्रस्तावित नई उद्योग नीति में आर्थिक उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की वजह से देश के औद्योगिक परिदृश्य में आ रहे बड़े बदलावों को विशेष रूप से ध्यान में रखा जाएगा। राज्य सरकार ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना में औद्योगिक सेक्टर में वार्षिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उल्लेखनीय है कि राज्योत्सव 2009 के अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार की दूसरी उद्योग नीति जारी की गई थी। इसके प्रथम वर्ष 2009-10 में राज्य से एक हजार 675 करोड़ 16 लाख रूपए का निर्यात हुआ था, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2013-14 में बढ़कर सात हजार 701 करोड़ 66 लाख रूपए तक पहुंच गया। प्रदेश सरकार को छत्तीसगढ़ में संचालित विभिन्न उद्योगों से केन्द्रीय शुल्क और सेवा-कर के रूप में वर्ष 2009-10 में चार हजार 470 करोड़ 69 लाख रूपए का राजस्व मिला था, जबकि उद्योग नीति के विभिन्न प्रावधानों के सफल क्रियान्वयन से वर्ष 2012-13 में इन मदों में राज्य को मिलने वाला राजस्व बढ़कर सात हजार 889 करोड़ 76 लाख रूपए हो गया। उद्योग नीति के तहत प्रदेश सरकार द्वारा उद्योगों को निवेश प्रोत्साहन के रूप में विगत पांच वर्ष में 252 करोड़ रूपए का अनुदान दिया गया, इसके अलावा 30 करोड़ 71 लाख रूपए के मुद्रांक शुल्क की छूट दी गई और 159 उद्योगों को विद्युत शुल्क छूट प्रमाण पत्र जारी किए गए। राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ में कोयला, लौह अयस्क, बाक्साइट, डोलोमाइट और चूना पत्थर आदि खनिजों की उपलब्धता को ध्यान में रखकर कोर सेक्टर के विकास की नीति अपनाई गई थी। इस नीति के तहत 121 एम.ओ.यू. में से 60 में प्रोजेक्ट शुरू हो चुके हैं और उनका विस्तार भी हो रहा है। शेष 61 एम.ओ.यू. से संबंधित प्रोजेक्ट विभिन्न चरणों में प्रगति पर है। इन सभी परियोजनाओं में 44 हजार करोड़ रूपए से ज्यादा राशि का स्थायी पूंजी निवेश हो चुका है। कोर सेक्टर में राज्य सरकार ने उल्लेखनीय कामयाबी हासिल की है। छत्तीसगढ़ में अब 15 मिलियन टन इस्पात का उत्पादन हो रहा है, जो देश की कुल उत्पादन क्षमता का 30 प्रतिशत है। सीमेंट का वार्षिक उत्पादन 18 मिलियन टन तक पहुंच गया है, जो इसकी कुल राष्ट्रीय उत्पादन क्षमता का 15 प्रतिशत है। राज्य की एल्युमिनियम उत्पादन क्षमता तीन लाख 50 हजार टन तक पहुंच गयी है। यह इसकी कुल राष्ट्रीय उत्पादन क्षमता का 30 प्रतिशत है। बिजली के मामले में भी छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भर बन गया है।
हरियाणा राज्य विधानसभा चुनाव हरियाणा से लगती राज्य सीमा के 3 किलोमीटर क्षेत्र में 13 से 15 अक्टूबर तक सूखा दिवस घोषित
जयपुर, 9 अक्टूबर। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा हरियाणा राज्य में 15 अक्टूबर को मतदान करवाये जाने के मद्देनजर राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर हरियाणा राज्य की सीमा से लगती हुई राजस्थान राज्य की सीमा के 3 किलोमीटर क्षेत्र में 13 अक्टूबर को सांय 6 बजे से 15 अक्टूबर को सांय 6 बजे तक एवं 19 अक्टूबर मतगणना दिवस को सूखा दिवस घोषित किया है।
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