म.प्र. शिवपुरी। जल ग्रहण मिशन, तालाब बचाओं, जलाभिषेक, कुआ गहरी करण, कूप निर्माण, कपिल धारा, खेत तालाब, बलराम तालाब, मनरेगा तालाब, स्टॉप...
म.प्र. शिवपुरी। जल ग्रहण मिशन, तालाब बचाओं, जलाभिषेक, कुआ गहरी करण, कूप निर्माण, कपिल धारा, खेत तालाब, बलराम तालाब, मनरेगा तालाब, स्टॉप डेम, स्टॉप डेम कम रपटा, पुराने तालाबों के जीर्णो धार हेतु पालयट प्रोजक्ट, झील संरक्षण, सिन्ध जलावर्धन, सीवर प्रोजक्ट, 300 बिस्तरों वाला जिला चिकित्सालय, प्रधानमंत्री, मु यमंत्री सड़के, मुरहम बोल्डर सड़क, खेत सड़क और न जाने क्या-क्या हजारो करोड़ फूकने के बावजूद आज भी हालात तस के तस है, तो यह कहना कोई अतिसंयोक्ति न होगी।
क्योंकि आजादी के 67 वर्षो बाद भी विकास के नाम शिवपुरी में कोई बड़े चमत्कार का न हो पाना शिवपुरी में हुई लूट का जीता जागता नमूना है। ऐसा नहीं कि आजादी की हवा शिवपुरी को न मिली हो। मगर दुर्भाग्य कि शिवपुरी की प्रजा आज भी नौकरशाहों की रइइन बनी हुई है। और यहां के अघोषित राजा बने नौकरशाहों से गुरुमंत्र ले चुने हुये जनप्रतिनिधि भी सत्ता में रह मलाई काटते रहे है। तो कुछ अपनी तिकड़म बैठाल आज भी प्राकृतिक स पदा को दोनों हाथों से लूट अपने-अपने घर भर रहे है।
अगर अपुष्ट सूत्रो की माने तो शिवपुरी में विगत 20 वर्षो से प्राकृतिक संपदा और शासकीय योजनाओं सहित महत्वकांक्षी योजनाओं का मटिया मेट कर अघोषित रुप से जनता के धन की लूटपाट हुई या हो रही है उसे सुनकर तो यहीं लगता है, कि शायद ही म.प्र. का कोई ऐसा जिला हो जहां जनकल्याणकारी योजनाओं और विकास के नाम पर इतनी बड़ी लूट हुई हो।
चाहे वह मड़ीखेड़ा बाँध से जुड़ी सिन्ध परियोजना हो या फिर तालाबो के शुद्रणीकरण को लेकर पायलट प्रोजक्ट उसके बाद सिन्ध जलावर्धन सीवर प्रोजक्ट, या फिर 300 बिस्तरो वाला जिला चिकित्सालय और अन्य जनकल्याणकारी योजनाये विकास उन्मु ा प्रोजक्ट हो। चूंकि 300 बिस्तरो वाला नवीन अस्पताल फिलहॉल टेन्डर प्रक्रिया में है जिसका कार्य शुरु नहीं हो सका, वहीं मड़ीखेड़ा पूर्ण और पायलट प्रोजक्ट दम तोड़ पर उतारु है। रहा सवाल सिन्ध जलावर्धन का तो ठेकेदार ही हालिया हाथ खड़े कर चुका है। और काम बन्द पड़ा है। फिलहॉल तो सुनियोजित लूटमार का अड्डा शिवपुरी में सीवर प्रोजक्ट बना हुआ है। जिस पर कई सवाल खड़े हो रहे है।
जिसमें 54 करोड़ की राशि बड़ी ही बेरहमी से खर्च की जा रही है, वहीं शिवपुरी शहर में मौजूद लगभग सेकड़ो करोड़ की सड़को को खोद ठिकाने लगाया जा रहा है।
हालात ये है कि सीवर प्रोजक्ट की मानीतरिंग करने वाली एजेन्सी को ही नहीं पता कि कन्सलटेंट द्वारा तैयार डी.पी.आर. शिवपुरी जैसे शहर के लिये कितनी कारगार होगी।
सीवर प्रोजक्ट को हाईकोर्ट तक ले जाने वाले एडवोकेट पियूष शर्मा कहते है कि जिस तरह से सीवेज प्रोजक्ट का कार्य हो रहा है वह न जाने योजना अनुसार है, न ही गुणवत्ता पूर्ण, जिस कार्य को मौजूद बजट में 3 भागो में हेाना था वह समुचा बजट एक भाग पर ही खर्च किया जा रहा है। ऐसे में महत्वपूर्ण दो भागो को क्या होगा। जबकि एजेन्सी का मानना है इस भाग को मिलाकर लगभग 120 करोड़ खर्चने होगे प्रोजक्ट पर पूरा करने पर जिसमें, मैन राइजिंग लाइन, फिल्टर प्लाट सहित सिन्ध तक सीवेज के पानी का रास्ता बनाना है और वर्तमान में डाली जा रही नेटवर्किंक लाइन को पूर्ण करना है। वह भी वन पर्यावरण की स्वीकृति सहित मैन राइजिंग लाइन जो नालो से होकर फिल्टर प्लान्ट तक जानी है।
बस यही से खेल शुरु होता, लूटमार का शिवपुरी के बारे मान्यता है यहां वह काम पहले शुरु होता है जिसमें ठेकेदार सरलता से करोड़ो की राशि समेट कर मोटा मुनाफा कमा बन्दर बांट कर सके। प्राय: देखने में आया है, कि बन्दर बांट के बाद कार्य स्वत: ही रुक जाता है। अब्बल नेता, नौकरशाह ठेकेदारो का ऐसा काकस है जो शासन को उसी कानून के तहत उसके जरखरीद नौकरशाहो की मिली भगत से शासकीय खजाने को लूट डालते है और शासन मूकदर्शक और जनता बेजुबान रह जाती है। शासकीय धन की सुनियोजित लूट का शिवपुरी से बड़ा म.प्र. में कोई दूसरा उदाहरण शायद ही हो। क्योंकि यहां राजनीति में एक वर्ग विकास के लिये सेकड़ो करोड़ की योजनाये लाने वाला है तो वहीं दूसरा वर्ग इन योजनाओं को लाने वालो को कोस बुरा भला कह अपनी राजनीति चमका घर भरने वाला है। ऐसे में सत्ता सौपानो से जुड़े लेागों का यह हॉल है तो लूटपाट का अन्दाजा लगाया जा सकता है। जनसुविधाओं की बिना पर स्वंय की राजनीति चमका सरकार को लूट जनता को दर्द का दंश दे, और काम करने वाले लेागों को बदनाम करने वाले कितना दर्द और देगें इस शिवपुरी को कितना दर्द और सहेगी ये शिवपुरी और हमारे नागरिक ये तो वहीं जाने। मगर अब शिवपुरी की जनता का कत्र्तव्य है,कि उनकी भावनाओं से खेल रहे लेागों को वह पहचाने, जो आम नागरिक की मजबूरी का लाभ उठा, अपने चेले छर्रो के सहारे लेागों को कहीं किसी दल तो कहीं झूठे स बन्धो के सहारे झूठा प्रचार अफवाह फैला कर बरगलाते रहते है। और शासकीय धन को लूट घर भरने की जुगत में लगे रहते है। ऐसे लेागों से सावधान हो शहर वासियों को ही कुछ करना होगा, बरना वो दिन दूर नहीं जब अपने ही शहर में वह बैगानो की भांति नजर आयेगें। हर नागरिक का अब यह दायित्व होना चाहिए कि वह अपने नहीं तो अपने बच्चों की खातिर बारिकी से पता करे, कि सिन्ध जलावर्धन से जुड़े कौन लेाग है। सीवर प्रोजक्ट से जुड़े कौन लेाग है व 300 बिस्तरो वाले जिला चिकित्सालय से जुड़े कौन लेाग है, वह कितना अपने कत्र्तव्यों का पालन कर पा रहे। कल उनकी आर्थिक ऐसीयत क्या थी और आज क्या है सारी सच्चाई स्वत: ही सामने होगी।
श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की दूसरी इकाई से अक्टूबर से उत्पादन
क्चद्धशश्चड्डद्य : रूशठ्ठस्रड्ड4, छ्वह्वद्य4 २८, २०१४, प्रदेश की प्रथम चरण की बहुप्रतिष्ठित श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना २ङ्ग६०० मेगावाट ग्राम डोंगलिया, जिला खण्डवा की दूसरी इकाई से आगामी अक्टूबर माह से व्यवसायिक उत्पादन शुरू होगा। परियोजना की ६०० मेगावॉट की प्रथम इकाई से एक फरवरी २०१४ से विद्युत उत्पादन प्रारंभ हो चुका है। परियोजना पर ६८२२ करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके है। परियोजना की कुल लागत ७८२० करोड़ रुपये है। परियोजना की द्वितीय चरण की इकाई क्रमांक ३ तथा ४ से क्रमश: मार्च तथा जून २०१८ से व्यवसायिक उत्पादन होगा। इस परियोजना की लागत ६५०० करोड़ रुपये है। इसके वित्त-पोषण के लिये राज्य शासन द्वारा २० प्रतिशत अंश पूँजी प्रदान की गई है। शेष ८० प्रतिशत राशि की व्यवस्था पीएफसी से ऋण प्राप्त कर की जा रही है। प्रथम चरण की श्री सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की विभिन्न बीओपी प्रणालियाँ लगभग पूर्णत: पर है। शेष कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार सुरगाँव बंझारी से बीड तक रेलवे लाईन का कार्य प्रगति पर है। यह लाईन विद्युतीकरण तथा सिंग्नलिंग के साथ शीघ्र पूर्ण होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि परियोजना के मुख्य संयंत्र (मेन पॉवर ब्लाक) के लिए कार्यादेश मेसर्स बीएचईएल को १२ दिसम्बर २००८ को जारी किये गये थे। इकाइ क्रमांक १ से व्यवसायिक उत्पादन प्रारंभ हो चुका है। इकाई क्रमांक २ में व्यवसायिक उत्पादन अक्टूबर २०१४ से होना संभावित है। शेष संयंत्र के कार्यों के लिए मेसर्स एलएनटी लिमिटेड, बड़ोदरा को २६ अक्टूबर २००९ को जारी किये गये थे।
द्वितीय चरण
परियोजना के द्वितीय चरण की अनुमानित लागत ६५०० करोड़ रुपये है। इस परियोजना की इकाई क्रमांक ३ से व्यवसायिक उत्पादन मार्च २०१८ से तथा इकाई क्रमांक ४ से जून २०१८ से होना संभावित है। परियोजना की स्थापना के लिये आवश्यक जल एवं भूमि उपलब्ध है तथा परियोजना के लिये वित्तीय लेखाबंदी प्राप्त की गई है।
परियोजना की अनुमानित लागत ६५०० करोड़ में से वित्त पोषण के लिए मेसर्स पीएफसी से ६८६२ करोड़ ऋण तथा राज्य शासन से १३०० करोड़ रुपये अंश पूँजी के रूप में प्राप्त होगा। ऋण प्राप्ति के लिये पॉवर जनरेटिंग कम्पनी द्वारा मेसर्स पीएफसी के साथा मेमोरण्डम ऑफ अण्डरस्टेडिंग हस्ताक्षरित किया गया है। परियोजना की २७५ मी. ऊँची चिमनी निर्माण के लिए एयरपोर्ट ऑथारिटी ऑफ इंडिया से अनापत्ति प्राप्त हो चुकी है। परियोजना के लिए केन्द्रीय कोयला मंत्रालय ने गोंद बहेरा, सिगरौली कोल ब्लाक आंवटित किया गया है।
राज्य शासन ने द्वितीय चरण की स्थापना मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कम्पनी लिमिटेट द्वारा किये जाने की प्रशासकीय स्वीकृति दी है। परियोजना को मिनिस्ट्री ऑफ पॉवर, भारत सरकार द्वारा मेगा पाँवर प्रोजेक्ट का स्टेटस प्रदान किया गया है। परियोजना के लिए जल आवंटन तथा भूमि उपलब्ध है। परियोजना सलाहकार भी नियुक्त किया जा चुका है। मध्यप्रदेश पॉवर ट्रेडिंग कम्पनी लिमिटेट (वर्तमान में पॉवर मेनेजमेंट कम्पनी लिमिटेट) के साथ विद्युत क्रय अनुबंध ४ जनवरी २०११ को किया गया था।
इसी प्रकार पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करने के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय को १९ जनवरी २०११ को आवेदन दिया गया है। गोंद बहेरा, सिगरौली कोयला ब्लाक के आधार पर पर्यावरण मंत्रालय की पर्यावरणीय विशेषज्ञ कमेटी की एक जुलाई को हुई बैठक में परियोजना पर चर्चा हो चुकी है। पर्यावरणीय स्वीकृति के बाद अंतिम कार्यवाही संभव हो सकेगी।
राष्ट्रपति ने राष्ट्रमंडल खेलों में पदक विजेताओं को बधाई दी
२८-जुलाई, २०१४ रत ने राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने ग्लास्गो में आयोजित २०वें राष्ट्रमंडल खेलों में श्री सतीश शिवलिंगम श्री रवि कटुलू, कुमारी पूनम यादव, कुमारी श्रेयसी सिंह तथा श्री असाब मोहम्मद को अपने संबंधित खेलों में पदक जीतने पर बधाई दी।
खिलाडि़यों के भेजे गए व्यक्तिगत संदेशों में राष्ट्रपति ने उन्हें बधाई देते हुए उनके भावी प्रयासों में लगातार सफलता की कामना की है। श्री मुखर्जी ने कहा कि भारत को उनकी उपलब्धि पर गर्व है, जिसके चलते अंतर्राष्ट्रीय क्षितिज पर हमारा झंडा और ऊंचाइयों पर लहरायेगा।
मुख्यमंत्री ने ईद-उल-फितर की शुभकामनाएं दी
रायपुर, २८ जुलाई २०१४ ख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ईद-उल-फितर के अवसर पर मुस्लिम समाज सहित सभी लोगों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। डॉ. सिंह ने आज यहां जारी शुभकामना संदेश में कहा है कि यह त्यौहार देश और दुनिया में सभी लोगों के लिए परस्पर सदभावना, मेल-मिलाप और खुशियों का पैगाम लेकर आता है। हमारे देश में भी सब लोग मिल जुलकर इस पर्व को मनाते हैं। सामाजिक समरसता की यह भावना हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मुस्लिम समाज सहित सभी नागरिकों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की है।
तीज मेले के अवसर पर आधे दिन का राजकीय अवकाश घोषित
जयपुर, 28 जुलाई। राज्य सरकार ने 30 जुलाई, 2014 बुधवार को तीज मेले के उपलक्ष में मध्यान्ह 1.30 बजे से आधे दिवस का जयपुर शहर स्थित राज्य सरकार के समस्त कार्यालयों, राजकीय उपक्रमों, शिक्षण संस्थाओं के लिए अवकाश घोषित किया है।
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