जयपुर, 28 जून। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने अधिकारियों से साफ कहा कि उन्हें हर हाल में रिजल्ट चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अब अध...
जयपुर, 28 जून। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने अधिकारियों से साफ कहा कि उन्हें हर हाल में रिजल्ट चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अब अधिकारी आज का काम कल और कल का काम परसों पर टालने की आदत छोड़ दें। तब ही जाकर हम जनता को बेस्ट रिजल्ट दे सकेंगे। श्रीमती राजे शनिवार को चूरू जिले के सरदारशहर में जनसुनवाई के दौरान बोल रही थीं।
पुराने ढर्रे को खत्म कर लोगों को राहत पहुंचाने में समय लगेगा
मु यमत्री ने कहा कि व्यापक स्तर पर जनसुनवाई का यह पहला प्रयोग है। पहले भी सरकारें जनसुनवाई के माध्यम से लोगों की पीड़ा दूर करने का काम करती तो, लोग इतनी तादाद में फरियाद लेकर नहीं आते। आजादी के बाद से चले आ रहे इस पुराने ढर्रे को खत्म कर लोगों को राहत पहुंचाने में समय लगेगा। रिजल्ट भी धीरे-धीरे सामने आने लगेंगे।
काम करने की आदत नहीं रही
श्रीमती राजे ने कहा कि लोगों की अब काम करने की आदत नहीं रही। इस आदत को बदलना होगा। हम सबको मिलकर काम करने की नई सोच विकसित करनी होगी। तब ही हम राजस्थान के नवनिर्माण का सपना साकार कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि हो, या अधिकारी-कर्मचारी सबकी पहली प्राथमिकता जनता के आंसू पोंछने की होनी चाहिए।
भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं
मु यमंत्री ने कहा कि विकास के काम क्वालिटी प्रोडक्ट हों। इनमें किसी तरह का भ्रष्टाचार नहीं होना चाहिए। भ्रष्टाचार के मामलों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। सड़कें गुणवत्तापूर्ण हों। घटिया निर्माण के लिए जि मेदारी तय की जायेगी। उन्होंने यह भी कहा कि कलक्टर अपने-अपने क्षेत्र की नगरपालिकाओं, नगर परिषदों, नगर निगमों और पंचायतों में निर्माण कार्याें की मॉनिटरिंग करें और समय-समय पर उनकी गुणवत्ता का निरीक्षण करें।
पहले पेसेंट बाद में गवर्मेन्ट
रतनगढ़ के सेठ सूरजमल जालान चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान जब मु यमंत्री वसुंधरा राजे को पता चला कि एक सात माह की बच्ची सीरियस है। इस पर उन्होंने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए तत्काल पीएमओ डॉ. गोपाल दत्त शर्मा को निर्देश दिए Óडॉक्टर साहब तुरंत जाइए और पहले सीरियस चाइल्ड पेसेंट को अटेंड कीजिए, उसके बाद हमें।Ó फिर क्या था डॉ. शर्मा दौड़े और बालिका दीपाली के इलाज में जुट गये। उसके बाद मु यमंत्री ने महिला वार्ड में जाकर उस बालिका के हालचाल पूछे। इसी वार्ड में उन्होंने प्रसूता पूजा और परवीना की मिजाजपुर्सी की। मु यमंत्री ने जननी सुरक्षा के चैक भी दिये। श्रीमती राजे ने चिकित्सालय का इंजेक्शन कक्ष, एक्स-रे कक्ष, सोनोग्राफी कक्ष, ब्लड बैंक, लेबोरेट्री और ट्रोमा सेंटर का भी अवलोकन किया। इसके बाद मु यमंत्री ने पडि़हारा हवाई पट्टी का भी निरीक्षण किया।
मु यमंत्री ने बालाजी के दर्शन कर प्रदेश की सुख-समृद्घि की कामना की
मु यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने चूरू जिले के सरदारशहर में इच्छापूर्ण बालाजी के दर्शन कर प्रदेश की सुख-समृद्घि एवं खुशहाली की कामना की। इच्छापूर्ण बालाजी मन्दिर ट्रस्ट की ओर से श्रीमती राजे का चुनरी ओढ़ा कर स्वागत किया गया। विधिवत मंत्रोच्चार के बीच मु यमंत्री ने पूजा-अर्चना की तथा भगवान महादेव तथा दुर्गा माता के दर्शन भी किये।
सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के लिए आदिवासी मामलों पर दो दिवसीय क्षेत्रीय विचार-विमर्श
28-जून, 2014 केन्द्रीय आदिवासी मंत्री श्री जोयल ओराम ने कहा है कि सरकार आदिवासियों की खास पहचान और संस्कृति को बचाते हुए उनके सशक्तिकरण, सतत् विकास और कल्याण सुनिश्चित करने की नीति के प्रति वचनबद्ध है। दो दिवसीय विचार-विमर्श के दौरान आदिवासी समुदाय के चहुंमुखी विकास के लिए ठोस परिणाम आने की संभावना है। उन्होंने कहा कि शुरूआती सालों में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर आदिवासी बच्चों की कम शिक्षा, स्कूलों में कम उपस्थिति चिंता का प्रमुख कारण हैं। अन्य वर्गों की अपेक्षा में आदिवासी बच्चों की शैक्षिक स्थिति लगातार चिन्ता का विषय बना है। मंत्री महोदय ने इन कमियों को दूर करने के लिए उपयुक्त सुधार के कदम उठाने की सलाह दी है। गोवा, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, दमन और द्वीप के राज्यों/संघ शासित राज्यों के साथ आदिवासी मामलों पर इस दो दिवसीय विचार विमर्श का आयोजन आदिवासी मंत्रालय एवं अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग ने आई.पी.ई. ग्लोबल द्वारा उपलब्ध कराई गई तकनीकी सहायता से संयुक्त रुप से आयोजित किया है। इसका उद्घाटन श्री ओराम ने किया। इस अवसर पर केन्द्रीय आदिवासी राज्य मंत्री श्री मनसुखभाई वसावा ने वर्षों से आदिवासी विकास के लिए किए गए प्रयासों के अपेक्षित परिणाम न आने पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि कमियों पर और ज्यादा काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस विचार विमर्श का लक्ष्य मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन में राज्यों द्वारा उठाई जा रही समस्याओं का पता लगाने तथा आदिवासी समुदाय के कल्याण के लिए सार्थक परिणाम हासिल करने के लिए एक योजना तैयार करना है। उन्होंने बताया कि सरकार आदिवासी बच्चों की शिक्षा में सुधार हेतु एक विस्तृत योजना की शुरूआत कर रही है। उन्होंने आश्रम स्कूलों में अध्यापकों की कमी पर चिन्ता व्यक्त करते हुए रिक्त पड़े पदों को तत्काल भरने के लिए संबद्ध राज्यों के मंत्रियों को कार्रवाई करने को कहा। अपने उद्घाटन भाषण में गोवा सरकार के खेलकूद, युवा एवं आदिवासी मंत्रि श्री रमेश तावड़कर ने राज्य में आदिवासियों के सम्पूर्ण विकास में सुधार हेतु नए प्रयासों के बारे में बताया। उन्होंने इस संगोष्ठी को गोवा में आयोजित करने के लिए केन्द्र सरकार का आभार व्यक्त किया। इस समारोह में गुजरात के आदिवासी मंत्री श्री गजपति भाई वसावा कर्नाटक के सामाजिक न्याय मंत्री श्री माधुकर राव पिछाव ने संबंधित राज्यों में आदिवासी विकास की उपलब्धियों और कमियों पर प्रकाश डाला।
इराक में रहने वाले भारतीयों के लिए परामर्श जारी : बगदाद के भारतीय दूतावास में हेल्प लाइन शुरू
रायपुर, 28 जून 2014 केन्द्र सरकार ने इराक में आतंकवादियों की नापाक हरकतों की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए वहां निवासरत भारतीयों को संघर्ष वाले इलाकों में अपने-अपने घरों में ही रहने की सलाह दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में अपने नागरिकों के लिए नई दिल्ली में परामर्श जारी किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग को विदेश मंत्रालय नई दिल्ली के गल्फ और हज मामलों के संयुक्त सचिव श्री मृदुल कुमार से कल ई-मेल के जरिए यह परामर्श प्राप्त हुआ है। इसमें बताया गया है कि इराक में रहने वाले भारतीय नागरिकों की मदद के लिए बगदाद स्थित भारतीय दूतावास में चौबीसों घण्टे की हेल्प लाइन शुरू की गयी है, जिनका टेलीफोन नम्बर 009647704444899 (मोबाइल) और 009647704843247 (मोबाइल) है। भारतीय दूतावास की वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यूडॉटइंडियनएम्बेसीबगदादडॉटइन (www.indianembassybaghdad.in) पर भी इस बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। भारतीय दूतावास ने बहुत जल्द नजफ, करबला और बसरा में भी भारतीय नागरिकों की सुविधा के लिए अपने शिविर कार्यालय शुरू करने का निर्णय लिया है। इस महीने की चौबीस तारीख को जारी परामर्श में कहा है कि इराक के सुरक्षित इलाकों से भारतीय नागरिक यदि व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए स्वैच्छिक आधार पर इराक छोड़ना चाहें तो ऐसा कर सकते हैं। परामर्श में भारतीय नागरिकों को आगामी सूचना तक इराक की यात्रा से बचने की भी सलाह दी गयी है। परामर्श में बताया गया है कि इराकी शहर एरबिल, बगदाद, बसरा और नजफ के विमानतल वर्तमान में चालू हैं।
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