व्ही.एस.भुल्ले/ यू तो चिंतन,मंथन शिविर,अधिवेशन कांग्रेस के जन्म से लेकर आज तक होते आए है। मगर विगत दो दशक से जिस तरह के चिंतन,मंथन और मन...
व्ही.एस.भुल्ले/ यू तो चिंतन,मंथन शिविर,अधिवेशन कांग्रेस के जन्म से लेकर आज तक होते आए है। मगर विगत दो दशक से जिस तरह के चिंतन,मंथन और मनन का दौर कांग्रेस में जारी है। उससे बड़ा झूठ स्वयं कांग्रेस में लिए और कोई नहीें हो सकता। जिस तरह का अंतर द्वंद और विरोधा भाष कांग्रेस नेताओ में हर चिंतन,मनन के दौरान देंंखने में आता है। वह कांग्रेस की हकीकत का बखान करने काफी है।
अगर काग्रेस के चिंतन,मनन और आत्म मंथनों पर गौर करें तो वर्तमान परिवेश में देश का सबसे वृहद संगठन का स्वरुप आम जन मानस के सामने किसी बहु राष्ट्रीय कंपनी या प्रायवेट लि. से कम नहीे। देखा जाए तो कोई भी संगठन विचारोंन्मुख एक धारा प्रवाह होता है,जो विभिन्न रास्तों से होकर नदी झरनो की तरह वहता हुआ समुद्र की तरह विशाल स्वरुप धारण कर लेता है। मगर कांग्रेस का विगत तीस वर्ष का इतिहास गवाह है कि न तो इसका प्रवाह संगठनात्मक स्तर पर अनवरत रहा,और न ही यह अपने आपको शुद्ध प्रवाह की तरह तरोताजा रख पाया।
अगर यो कहें कि कांग्रेस संगठन में वर्तमान नेताओं की जों स्थिति है किसी न बहने वाले ताल-तलैया के जल की तरह है, जिसमें नया कुछ भी नहीँ। सिर्फ इस विशेषता के कि वह 10 जनपथ का कितना वफादार है दूसरी केरेगरी के नेताओं की विशेषता यह है कि जों नेता 10 जनपथ से जुड़े है उनमें उनके प्रति उनकी वफादारी क्या है। भले ही उनका चाल,चरित्र,देश या कांग्रेेस की प्रष्ठ भूमि के विपरीत हो संगठनात्मक क्षमता न के बराबर हो। मगर वह बगैर जनाधार के भी कांग्रेस में चोटी का नेता बना रहता है। ऐसा किसी भी संगठन में नहीं होता जहां आंतरिक लेाकतंत्र मजबूत और नेतृत्व क्षमता का सम्मान होता है। ऐसा तो किसी प्रायवेट लिमिटेड या फिर बहुराष्ट्रीय कंपनियों में ही हो सकता है, जो व्यक्ति को एक वफादार पुर्जा मान अपनी छवि या मार्केटिंग के जरिए समाज और बाजार में स्थापित करता है।
अगर चिंतन शिविर के पांच ग्रुप प्रभारियों पर नजर डाले,तो उभरती राजनैतिक चुनौतियों के मुखिया एमेे एंटोनी,सामाजिक आर्थिक चुनौतियों के मुखिया दिग्विजय सिंह,महिलाओं का शसक्तिकरण की मुखिया गिरजा व्यास,भारत एवं विश्व के मुखिया आनंद शर्मा संगठन की ताकत के मुखिया गुलाम नवी आजाद अगर चिंतन में मुख्य वक्ताओं के बयानों पर गौर करें तो सोनिया गांधी ने कहा है कि नौजवान सािथयों से कि जीवन शैली में क्या आडंबर जरुरी है। वहीं चिदंबरम ने कहा कि गठबंधन आज की राजनैतिक स"ााई है। मगर इसका मतलब यह नहीं कि हम पार्टी के बहुमत की कोशिस न करें।
वहीं दिग्विजय सिंह ने कहा है कि कांग्रेस के लेागों की मांग है कि राहुल गांधी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाना चाहिए। लेकिन इसका फैसला वे स्वयं करें। वहीं 'योतिरादित्य सिंधिया ने भी युवा नेतृत्व की पार्टी मे जरुरत पर जोर दिया,जिसमें पार्टी को बेहतर नतीजे हासिल हो सके।
अब यह चिंतन,मनन से इतना तो साफ है कि कांग्रेस के भविष्य का रास्ता साफ होता दिखता है। मगर कांगे्रस का कितना भला होगा यह यक्ष प्रश्र आज भी अनुत्तरित है। कारण साफ है कि जब तक 10 जनपथ अर्थात सोनिया या राहुल का संवाद सीधा-सीधा आम देशवासियों युवा नेताओं कांग्रेस के वैचारिक शुभ चिंाकों एवं मीडिया में मौजूद कांग्रेसी विचार धारा के लेागों से सीधा नहीं होता है तब तक अस्त की ओर बढ़ती कांगे्रस की रफतार कम नहीं आंकी जा सकती। क्योकि जो लेाग 30.30 वर्ष से जनपथ में औपचारिक या अनौपचारिक घुसपैठ बनाए हुये है वो नहीं चाहेंयें कोई नया ऊर्जावान कार्यकााओं से सीधे आलाकमान से संवाद कर कांग्रेस की यथा स्थिति रख पाए।
कांग्रेस आला कमान को यह नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस के अस्तित्व को बचाए रखने यह अंतिम मौका है। अगर 10 जनपथ में बैठ बनाए स्वार्थ सिद्ध बगैर जनाधार वाले नेताओं को इसी प्रकार पार्टी में बजन मिलता रहा तो जिस सोशल नेटवर्किंग के सहारे नई युवा पीढ़ी जागरुक हो एक जबावदेही व्यवस्था, पार्टी ,नेताओं की दरकार रखती है वह अब ऐसे नेताओं के दरवाजे खंूदने चप्पले चटका चापलूसी करने कतई तैयार नहीं। परिणाम सामने है। चाहे अन्ना का आंदोलन हो या फिर केजरीवाल के आरोप प्रत्यारोप या फिर दिल्ली में घटित नारी अपमान की सबसे लेाक हर्षक घटना के बाद खौलता देश का युवा हो। हर मौके पर दौषी देशवासियों की नजर में कांग्रेस ही रही है।
कांग्रेस को चिंतन इस बात का करना चाहिए कि कांग्रेस द्वारा लागू तमाम जन कल्याणकारी राष्ट्रहित से जुड़ी नीतियों को लागू करने के बावजूद भी देशवासियों का आक्रोश कांगे्रेस के प्रति इतना क्यों? निश्चित ही वर्तमान में मौजूद कांग्रेस नेताओं की समझबूझ और संवाद में देशवासियों के साथ जमीन आसमान का अंतर दिखाई देता है। क्योंकि जो नेता देश की जनता को नेतृत्व दे रहे है उन्हेें जमीनी ज्ञान ही नहीं और न ही उन्हें ऐसी परिस्थितियों में यह भान रहता कि वह अपनी जनता से कब और किन परिस्तियों में कैसे संवाद करना चाहिए।
देखा जाए तो समूची कांग्रेस में अपनी चापलूसी के बल 10 जनपथ में बेकडोर एंट्री कर सोनिया,राहुल की छत्र छाया में स्वयं नेता सिद्ध करने वालों की एक लंबी कतार है और आज यहीं लेाग सोनिया राहुल को हकीकत से दूर रख समुची कांग्रेस संचालित करने में लगे है। बेचारा एक अकेला अहमद पटेल क्या-क्या करें इस कांगे्रस को। इन्हीं गैर जनाधार वाले नेताओं की करतूत है जो इतने पवित्र निशकंलक संगठन और गांधी परिवार जैसे बेदाग परिवार के मुखियाओं को गठबंधन का सजबाग दिखा साा की मलाई लूटने में लगे रहते है। और गठबंधन में शामिल कई ऐसे राजनैतिक दलों को गठबंधन के नाम सरकार में भागीदारी दिला खुली लूट की छूट देते है। और जब भी कोई खुलासा होता है जो सारा आरोप गठबंधन सरकार पर न होकर कांगे्रस पर मड़ दिया जाता है। हालत यहां तक पहुंच चुकी है कि यूपीए सरकार में अगर कुछ भी गलत होता है या आरोप प्रत्योरोप आंदोलन खड़े होते है तो गठबंधन के छोटे दल पाक दामन साफ की तरह देश को अपनी निष्ठा ईमानदारी बता दूर खड़े हो जाते और पाप का घड़ा कांग्रेस के सर फोड़ दिया जाता है।
चिदंबरम ने भले ही देर से कहा मगर सच कहां कि गठबंधन आज की राजनैतिक स'चाई है मगर इसे संगठन की कमजेारी नहीं बनने देना चाहिए।
अगर बाकेई कांग्रेस या कांग्रेस का भावी नेतृत्व राहुल गांधी कांग्रेस जैसे महान संगठन जिसके लिए उनके परिवार की तीन पीढिय़ों ने अपनी जान की कुर्बानियां दी है उसे सम्मानजनक स्थिति में स्थापित करना चाहते है और अपने परिवार की महान परंपरा को भारत जैसे महान लेाकतंत्र तथा विश्व के मानचित्र पर सम्मानजनक रुप में स्थापित करना चाहते है तो उन्हें दिल्ली ही नहीं जहां भी वह प्रवास पर जाएं आम नेता,पत्रकार,संपादको से अकेले में ही सीधा संवाद करना चाहिए। न कि क्षेत्रीय स्वयं भू नेताओं की सलाह पर। जिसमें एक ओर वह देश की विभिन्न विधाओं,भाषाओं और लेागों की भावनाओं से रुवरु होने का मौका मिलेगा वहीं कुछ सीखने,समझने तथा नए लेागों से जुडऩे का। जो लेाग यह कहते नहीं थकते कि राहुल असफल है। पार्टी में वह जान नहीं फूंक सके वह गफलत में है। अगर कांग्रेस नेतृत्व या राहुल 10 जनपथ के काकस और क्षेत्रीय स्वार्थ सिद्ध स्वयं भू-नेताओं के बजाए आज भारत और भारतवासियों के दिलों में झांकेगे तो कई ही नहीं करोड़ेां युवा, विद्वान, विचारक,सहयोगी ऐसे मिल जाएंगे जिन्हें उनकी कार्य क्षमता पर पूरा विश्वास है।
भले ही राहुल ने देश में विभिन्न क्षेत्रों की यात्राएं की हो लेकिन उसके सार्थक परिणाम न मिलने के पीछे एक ही कारण रहा कि राष्ट्रीयता से लेकर क्षेत्रीय नेता सुरक्षा और सलाह मशवरे के नाम इस कदर घेरे रखते है। कि आम कार्यकर्ाा या व्यक्ति का संवाद हो ही नहीं पाता। क्योंकि कांगे्रस में मौजूद चापलूस नेताओं का काकस इतना जबर दस्त है कि वे आला कमान को जैसा देश,जनता,और कांग्रेस दिखाना चाहते है वैसी ही स्थिति राहुल को देखने मिलती है। तो इसमें राहुल का दोष क्या।
मनोबल बढ़ाता है राजयोग: ब्रह्मकुमारी केन्द्र में व्याख्यान सम्पन्न
श्योपुर। राजयोग इन्द्रियों पर संयम सिखाने वाली कला है जो मनोबल को बढ़ाती है। राजयोग सहनशीलता, विनम्रता, एकाग्रता जैसे सद्गुणों को विकसित करने का माध्यम है जो अतिन्द्रिय सुख प्रदान करता है। अतिन्द्रिय सुख प्राप्त होने के बाद सांसारिक वैभव स्वत: तु'छ हो जाता है। उक्त प्रेरणादायी उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मुख्यालय माउण्ट आबू से श्योपुर जिले के प्रवास पर आए राजयोगी ब्रह्मकुमार भगवान भाई ने राजयोग विषय पर आधारित व्याख्यान कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
स्थानीय ब्रह्माकुमारी केन्द्र परिसर में आयोजित व्याख्यान को सुनने के लिए केन्द्र से सम्बद्ध साधकगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे। राजयोग के नियमित अभ्यास को कर्मेन्द्रियों पर संयम रखने तथा कर्म और विचारों में सामंजस्य लाने वाली युक्ति बताते हुए भगवान भाई ने कहा कि वर्तमान समय में मन की एकाग्रता व शुद्धता को बढ़ाने के लिए राजयोग की महती आवश्यकता है। राजयोग की विधियों से साधकों को परिचित कराते हुए राजयोगी भगवान भाई ने बताया कि मन और बुद्धि द्वारा एकाग्रचिा होकर भगवान का स्मरण करना ही राजयोग है जो आत्मबल और मनोबल के विकास का श्रेष्ठ माध्यम है।
सकारात्मक सोच को आत्मा का श्रंगार निरूपित करते हुए उनका कहना था कि आध्यात्मिक ज्ञान व सत्संग सकारात्मक सोच का मुख्य स्त्रोत है जिसके माध्यम से प्राप्त होने वाला ज्ञान ही मनुष्य का असली खजाना होता है। वैचारिक सत्र को सेवा केन्द्र की संचालक ब्रह्माकुमारी तारा बहिन ने भी सम्बोधित किया जिन्होने ईश्वरीय महावाक्य को उद्धृत करते हुए राजयोग की महाा व उपादेयता को रेखांकित किया।
महिला अपराधों की रोकथाम हेतु ऐतियाती कदम उठाये गये
दतिया/ जिले में महिला अपराधों की रोकथाम एवं आम नागरिकों में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता जागृत करने हेतु मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिये गये निर्देशों पर जिले में अमल प्रारंभ हो गया हैं। स्वास्थ्य मंत्री डा. नरोश्रम मिश्रा की अगुवाई में विगत दिवस कैंडल मार्च निकाली गई। जिमसें कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक सहित जिले के नागरिकों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। इस दौरान सभी ने महिला अपराधों की रोकथाम तथा भारत के संविधान में प्रदश्र महिला अधिकारों की रक्षाहेतु शपथ ली तथा आम नागरिकों में जागरूकता बढ़ाने हेतु संकल्प लिया। कलेक्टर श्री जी.पी. कबीरपंथी तथा पुलिस अधीक्षक श्री चंद्रशेखर सोलंकी द्वारा इस संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं। पुलिस अधीक्षक द्वारा इस संबंध में बताया गया कि उन्होंने स्वयं स्वाशासी महाविद्यालय दतिया तथा नगर के अन्य शैक्षणिक संस्थाओं व सार्वजनिक स्थलों का भ्रमण कर लिया हैं और ऐसे स्थानों पर पुलिस की चौकसी बढ़ाने हेतु निर्देश दिये गये है ताकि कॉलेज में पढऩे वाली छात्राओं को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराया जाये। उन्होंने बताया कि कॉलेज प्रशासन भी इस दिशा में गंभीरता से प्रयास कर रहा है साथ ही एक कार्ड भी छपवाया जायेगा। जिसमें कंट्रोल रूम के 100 नम्बर फोन सहित विभिन्न पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों व संबंधित थानों के नंबर अंकित होंगे ताकि कोई भी व्यक्ति महिलाओं एवं छात्राओं के प्रति अपराध की अशंका की स्थिति निर्मित होने पर इन नंबरों पर सम्पर्क कर सके। उन्होंने बताया कि जिले में लोगों को जागरूक बनाने हेतु विशेष पहल की जायेगी साथ ही पुलिस को भी और अधिक चौकसी बनाये रखने के निर्देश दिये गये है।
कलेक्टर श्री अग्रवाल ने किया ओला प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण
मुरैना 19 जनवरी 13/ जिले में पिछले दिनों अम्बाह पोरसा में गिरे ओलों से प्रभावित हुई फसलो का कलेक्टर श्री डी.डी.अग्रवाल ने आज सधन भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कई ग्रामों में पहुंचकर ओला से प्रभावित आलू और सरसों की फसलो का मुआयना किया । कलेक्टर ने बताया कि ओला प्रभावित ग्रामों में फसलों के क्षति के आंकलन के लिए दल गठित करके खेतों में भेजे गए है । दल में पटवारी और कृषि विभाग के कर्मचारियों को लगाया गया है । कलेक्टर श्री अग्रवाल ने बडफ़रा में ओला से प्रभावित आलू का खेत देखा । उन्होने रानपुर में राधेश्याम पटेल का आलू का खेत, रथूल का पुरा में रामजीलाल उपाध्याय, श्यामलाल उपाध्याय, रतीरामपुरा का मजरा उमरिया का पुरा में दयाराम का खेत और रतीराम का पुरा गांव में रामेश्वर और रामऔतार प्रजापति के सरसों का खेत देखा । विरहरूआ की सडक से लगे सरसों के खेत एवं दिमनी गांव के खेतों का भी मुआयना किया । कलेक्टर ने संबंधित फसलों के कृषकों से चर्चा की । चर्चा के दौरान किसानों ने बताया कि ओलावृष्टि से प्रभावित फसल के सूखने के बाद ही पता चल सकेगा कि फसलों की कितने प्रतिशत डाले टूटी है । कई कृषकों ने बताया कि आलू के पौधों के तने टूट जाने से आलू का साइज अब बड़ा नही हो सकेगा । कलेक्टर ने मौके पर क्षतिग्रस्त हुए पौधों को उखाड कर दिखवाया । भ्रमण के दौरान कृषि कल्याण विभाग के उपसंचालक श्री डी.सी.शर्मा एस.डी.एम. अम्बाह श्री एम.एल.सिसोदिया, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे ।
सड़कों का निर्माण समय पर पूरा करने और निर्माण कार्य बीच में ही छोड़कर जाने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई करने के प्रभारी मंत्री ने दिए निर्देश

प्रभारी मंत्री श्री मिश्रा ने साफ शब्दों में कहा कि अगर किसी इंजीनियर ने सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण कराए बगैर ही ठेकेदार को लागत राशि का भुगतान कर दिया है, तो संबंधित इंजीनियर से उस राशि की वसूली की जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों के निर्माण के लिए प्राप्त बजट राशि अन्य मदों में खर्च करने वाले इंजीनियरों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए। श्री मिश्रा ने कहा कि सड़कों के निर्माण में अगर कहीं अतिक्रमण के रूप में किसी तरह का अवरोध सामने आ रहा हो, तो उसको तत्काल हटाया जाए। उन्होंने अनुविभागीय अधिकारियों राजस्व को निर्देश दिए कि वे सड़कों के निर्माण में अवरोध बने हुए अतिक्रमणों को तत्परता से हटाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अवरोधों की वजह से सड़कों का निर्माण कार्य नहीं रूकना चाहिए। उन्होंने अनुविभागीय अधिकारियों राजस्व और अनुविभागीय अधिकारियों लोक निर्माण को निर्देश दिए कि उन दोनों के बीच संवादहीनता की स्थिति नहीं होनी चाहिए। उनके बीच निरंतर संवाद बने रहना चाहिए, ताकि सड़कों के निर्माण में आने वाले अवरोधों तथा सीमांकन जैसी समस्याओं को जल्द सुलझाया जा सके।
प्रभारी मंत्री ने सड़कों के निर्माण कार्य में गुणवश्रा पर विशेष ध्यान देने के इंजीनियरों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़कों के निर्माण में गुणवश्रा के मामले में किसी तरह का समझौता नहीं किया जाए। उन्होंने इंजीनियरों को निर्देश दिए कि जिन सड़कों की गुणवश्रा को लेकर शिकायतें की गई है, उनकी जांच भोपाल क्वालिटी कन्ट्रोलर से कराना सुनिश्चित करें। श्री मिश्रा ने पेच रिपेयर कार्य की समीक्षा करते हुए कहा कि पेच रिपेयर के दौरान गड्डों को गिट्टी आदि से अ'छी तरह भरा जाए तथा कार्य इस तरह किया जाए कि वह अ'छा और टिकाऊ हो। उन्होंने पेच रिपेयर कार्य हरहाल में 31 मार्च तक पूरा करने के कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग को कड़े निर्देश दिए।
भारत में टेलेंट की कमी नहीं: सेमीनार में विधानसभा अध्यक्ष श्री रोहाणी ने कहा

विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदासरोहाणी ने कहा हमारी चिंता गरीबों के प्रति भी होनी चाहिए । यदि इस पर विचार नहीं किया गया तो भयावह परिणाम आयेंगे । हमें दोनों पक्षों में संतुलन बैठाना आवश्यक है । श्री रोहाणी ने कहा प्रतिभा की कमी गांवों में नहीं विपरीत परिस्थितियों में ये छात्र बेहतर परिणाम हासिल कर रहे हैं । उन्होंने कहा देश तेजी से प्रगति कर रहा है । श्री रोहाणी ने प्रबंधन के बारे में चर्चा करते हुए कहा इस विषय पर गहन चर्चा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा योजना जिनके लिए बनती है उसका लाभ से वंचित न हो। वर्तमान में देश संक्रमण काल से गुजर रहा है ये काल प्रगति का हो गया तो आप सभी का भविष्य उ'जवल है। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी को उ'जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के दौरान श्री रोहाणी को स्मृति चिंह भी भेंट किया गया।
समितियों के निर्वाचन में अनियमितता संबंधी जांच शुरू
छतरपुर/19 जनवरी/जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के निर्वाचन में कथित गंभीर अनियमितताओं की शिकायतों की जांच के अंतर्गत द्वितीय चरण की 42 समितियों में निर्वाचन के संबंध में प्राप्त शिकायतों की जांच, गठित जांच दल के द्वारा 19 जनवरी को प्रात: 11 बजे से कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में शुरू की गयी। इसी प्रकार 20 जनवरी को तृतीय चरण की 32 समितियों की जांच के साथ-साथ अब प्रथम चरण में सम्पन्न 38 सहकारी समितियों के चुनाव की भी शिकायतों संबंधी जांच समिति के निर्वाचन अधिकारियों व समिति प्रबंधकों द्वारा संधारित मूल अभिलेखों से की जायेगी। उपायुक्त, सहकारी संस्थायें, छतरपुर श्री बी एस कोठारी ने समितियों के निर्वाचन अधिकारियों एवं समिति प्रबंधकों को नियत तिथि एवं समय पर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अभिलेखों के साथ उपस्थित रहने के निर्देश दिये हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रथम चक्र में छतरपुर विकासखण्ड के अंतर्गत बगौता, ढडारी, मातगुवां, गौरगांय, मोरवा, निवारी, बरकौहा, गठेवरा, अतरार, महेवा, ईशानगर, रामपुर, गहरवार, सलैया, रनगुवां एवं बंधीकला, बड़ामलहरा विकासखण्ड के अंतर्गत बड़ामलहरा, बंधा, बीरों, डिकौली, सेंधपा, मैलवार, कर्री, घुवारा, पनवारी, भगवां, सरकना, सेवार, बमनौरा व रामटौरिया तथा बक्सवाहा विकासखण्ड के अंतर्गत बक्सवाहा, गढीसेमरा, सुनवाहा, बम्होरी, सैडारा, मड़देवरा, दरगुवां व बाजना सेवा सहकारी समितियों में निर्वाचन सम्पन्न कराये गये थे।
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